शुभ संध्या ;
क्या हमें इस बार फेस बुक से हुए वैचारिक आन्दोलन के परिणामो की आशा रखनी चाहिए |
क्या इस बार जाति, धर्म .आरक्षण .नौकरियो के चारे को खाते हुए भी ईमानदार उम्मीदवार की पैरवी करने का साहस करना चाहिए.|
क्या हमें नारियो को दिए गए मताधिकार का उपयोग उनकी इज्ज़त करने वाले प्रत्याशी चुनने की दिशा में एक जुट होकर करना चाहिए |
क्या हमें अपने भारत में किसी भी आधार पर सौहार्द कम करने वाले नेताओ को सत्ता देनी चाहिए |
क्या चुनाव से पहले की घोषणाओं का अर्थ समझ कर नीयत और नीति की पहचान कर लेनी चाहिए ,ललचाने का प्रयास कर रहे नेताओ को अपने स्वाभिमान को चोट पहुचने की छूट देनी चाहिए |
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